'स्कारफेस' मूर्छित जिंदगी की चीखती तस्वीरें


 ''पिछले बीस सालों से फोटोजर्नलिस्ट होने के नाते मैंने हर रोज कई तस्वीरें खींची हैं, पर उनमे  से कुछ चेहरे ऐसे थे जिन्होंने मेरे दिल पर एक गहरा घाव छोड़ा ! ये एसिड पीड़ितों की फोटो डॉक्यूमेंट्री एक ऐसा अनुभव है की जब भी मैं इनमे से कोई भी तस्वीर को देखता हूँ और उस व्यक्ति की कहानी दोहराता हूँ तो मेरे आँखों में आंसू भर आते हैं ! ''

शिरीष शेटे कहते है  ''स्कारफेस' का पहला प्रदर्शन प्रेस क्लब में किया है और मैं चाहता हूँ की इनके चेहरे देख हर व्यक्ति उनके  दर्द को समझे,महसूस करे और उनके हक़ के लिए लडे '' ।

शिरीष शेटे के साथ शामिल थे इस प्रदर्शनी के मुख्य अतिथि डॉ। अनिल काशी मुरारका जिनकी संस्था एम्पल मिशन एसिड विक्टिम्स को सवावलम्बी होने में मदद करती है,और महिला वित्तीय विकास महामण्डल की पूर्व उपाध्यक्ष ,महाराष्ट्र संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्य और गवर्निंग काउंसिल सदस्य  मेघा पाटिल भी शामिल थी ! 



डॉ अनिल काशी मुरारका कहते है '' जब दौलत बी जो एक ''साहस ' नामक सामाजिक संस्था चलाती है जिन्होंने मुझे  इस संस्था द्वारा की जा रही सेवा के बारे में बताया, तब मुझे गर्व महसूस हुआ की एक एसिड विक्टिम्स  खुद कई औरतों की मदद कर रही है !''
''हमने हमारी संस्था एम्पल मिशन के द्वारा इस साहस को समर्पित वेबसाइट बनाई, उन्हें फैशन शो में वॉक कराया, और उन्हें स्वावलंबी बनाने की कोशिश अभी भी जारी है !'' 

प्रदर्शनी के अलावा शिरीष शेटे, डॉ अनिल काशी मुरारका और राइटर डायरेक्टर और समाज सेविका अनुषा श्रीनिवासन अयर ने ''तेजाब टेल्स'' नामक बुक की घोषणा की और मुखपृष्ठ का अनावरण किया ।

शिरीष शेटे कहते है '' ये किताब मेरी फोटो डॉक्यूमेंट्री है जिसे डॉ अनिल काशी मुरारका जी पब्लिश कर रहे हैं ! इस किताब की कॉपी अनुषा श्रीनिवासन अयर लिख रही हैं ! मैं चाहता हूँ की जिन चेहरों को देखने से लोग कतराते हैं, उनपर जब  कॉफी टेबल बुक बनेगी, जो वो हर उस जगह जाए जहाँ से इन एसिड विक्टिम्स को मदद मिले ।सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए हर एक व्यक्ति को खुद से परिवर्तन की शुरुआत करनी चाहिए ''।

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